Sadhana Shahi

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समय कविता प्रतियोगिता हेतु03-Mar-2024

*दिनांक- 03,03, 2024 दिवस- रविवार प्रदत्त विषय- समय ( कविता) प्रतियोगिता हेतु

सर्वोत्तम संपदा समय है, इसे न यूंँ ही गँवाओ। समय से इसकी कीमत समझो, खुद को चांँद-सूरज पर पाओ।

कद्र किया ना जिसने इसका, रोया और पछताया। मलता रहा हाथ सदा वो, कुछ भी हाथ न आया।

समय गवाही इसकी करता, भूत में देखो यारों। फतह वही जग में कर पाया, कर्म रत रहा प्रहर जो चारो।

समय पर मस्ती- मौज करो तुम, समय पर करो सत्कर्म। समय पर सोओ, समय पर जागो, जानो समय का मर्म।

धन- संपदा सम समय को समझो, करो इसका सदुपयोग। दुरुपयोग हुआ यदि इसका, ना होगा कभी शुभ योग।

दुष्कर्मों में व्यय जो हुआ तो, दुष्परिणाम भुगतना होगा। दुख- बाधा से भरेगा जीवन, सुख- सम्मान को तजना होगा।

मिनट- मिनट बहुमूल्य जो समझें, प्रतिक्षण का करें उपयोग। सुव्यवस्थित कार्यक्रम बनाकर, करें इसका सही उपभोग।

उस मानव का कभी भी जीवन, अभावग्रस्त नहीं होगा। सुख- खुशियों के लगेंगे झूले, दुख को भगना होगा।

समय को सोना सम तुम समझो, समय का लाभ उठाओ। अकर्मण्य बन सोना तजकर, जीवन का सच्चा सुख पाओ।

आदत यदि हम करें व्यवस्थित, अंतर्मन भी होगा। दोनों यदि हो गए व्यवस्थित, फिर ना कोई बंधन होगा।

कम हो या फिर काम अधिक हो, दिनचर्या नियत बनाओ। नियत समय पर काज करो तुम, मनवांछित फल को तुम पाओ।

साधना शाही, वाराणसी

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3 Comments

Varsha_Upadhyay

14-Mar-2024 07:38 PM

Nice

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Gunjan Kamal

05-Mar-2024 07:20 PM

👌👏

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Mohammed urooj khan

05-Mar-2024 01:44 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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